Difference in 32 bit & 64 bit(32 बिट और 64 बिट में अंतर)
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क्या है 64 बिट और 32 बिट
कंप्यूटर में होने वाली सारी कैलकुलेशन और प्रोसेस माइक्रोप्रोसेसर के जरिये पूरी होती हैं, जिसे प्रोसेसर या चिप भी कहते हैं। यह एक चौकोर हार्डवेयर कम्पोनेन्ट है, जो कंप्यूटर के सीपीयू टावर के भीतर मदरबोर्ड में फिट होता है। किसी भी प्रोसेसिंग के लिए यह डेटा प्राप्त करता (इनपुट) है और प्रोसेसिंग के बाद डेटा प्रदान (आउटपुट) करता है। वह एक साथ कितना डेटा प्राप्त और प्रोसेस कर सकता है, उस पर कंप्यूटर की कुशलता निर्भर करती है।
फर्क प्रोसेसिंग का
32 बिट कंप्यूटर का माइक्रोप्रोसेसर एक साथ 32 बिट डेटा ग्रहण कर सकता है, जबकि 64 बिट माइक्रोप्रोसेसर उसका दोगुना डेटा। यानी 64 बिट माइक्रोप्रोसेसर से लैस कंप्यूटर दोगुनी रफ्तार से काम करने में सक्षम है। 64 बिट कंप्यूटरों में मल्टि-कोर प्रोसेसर भी उपलब्ध हैं, जैसे ड्यूल कोर, क्वाड कोर, ऑक्टा कोर वगैरह। इनका अर्थ यह हुआ कि एक ही चिप पर कई माइक्रोप्रोसेसर या चिप एक साथ लगे होते हैं। ड्यूल कोर का मतलब है, दो कोर या दो माइक्रोप्रोसेसर जबकि क्वाड कोर का मतलब है चार कोर या चार माइक्रोप्रोसेसर। अगर आपका 64 बिट कंप्यूटर क्वाड कोर से लैस है तो सामान्य 32 बिट कंप्यूटर की तुलना में उसकी प्रोसेसिंग पावर आठ गुना हो जाती है।
रैम कंप्यूटर के सीपीयू टावर में मदरबोर्ड के भीतर फिट होने वाला एक कंघीनुमा हार्डवेयर है, जिसका काम है कंप्यूटर सॉफ्टवेयरों के इस्तेमाल में आने वाले डेटा को सहेजना। हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम कई तरह का डेटा इस्तेमाल करते हैं। इस डेटा को प्रोसेसिंग से पहले और बाद में किसी जगह अस्थायी रूप से सहेजने की जरूरत पड़ती है। इस काम के लिए एक तेजतर्रार स्टोरेज मीडियम चाहिए। रैम यही काम करती है। रैम जितनी ज्यादा होगी, अस्थायी रूप से निर्मित होने वाले डेटा को सहेजने का काम उतनी तेजी से होगा। रैम कम होने पर कंप्यूटर की रफ्तार घट जाएगी।
32 बिट कंप्यूटरों का आर्किटेक्चर ऐसा है कि उनमें सिर्फ 4 जीबी तक रैम का इस्तेमाल कर सकते हैं। 32 बिट के सॉफ्टवेयरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली रैम इससे भी कम है, यानी करीब 3.2 गीगाबाइट। आप ऐसे कंप्यूटर में 4 जीबी से ज्यादा रैम इस्तेमाल नहीं कर सकते। दूसरी तरफ 64 बिट कंप्यूटरों में रैम की अधिकतम मात्रा असीमित हो जाती है।
अब आप दोनों तरह के आर्किटेक्चर की तुलना करके देख लीजिए। यही वजह है कि विडियो एडिटिंग, ऐनिमेशन, 3डी ग्राफिक्स जैसे सॉफ्टवेयरों में, जिनमें बहुत ज्यादा डेटा बनता और प्रोसेस होता है, 64 बिट कंप्यूटरों का इस्तेमाल होता है। न सिर्फ प्रोसेसर की ताकत की वजह से, बल्कि रैम की वजह से भी।
फर्क सॉफ्टवेयरों का
सभी ऑपरेटिंग सिस्टम धीरे-धीरे 32 बिट से मुक्ति पाकर 64 बिट की तरफ बढ़ रहे हैं इसलिए 64 बिट आर्किटेक्चर पर चलने वाले सॉफ्टवेयरों का भी विकास होने लगा है। ऐसे सॉफ्टवेयर ज्यादा रैम का इस्तेमाल करने में सक्षम हैं इसलिए तेज चलते हैं। जब आप 64 बिट के लिए बने सॉफ्टवेयर को 32 बिट कंप्यूटर में चलाने की कोशिश करते हैं तो उन्हें अपनी जरूरतों के लिए सही मात्रा में रैम और प्रोसेसर का अभाव दिखाई देता है और वे चलते नहीं।
कौन सा है आपका ऑपरेटिंग सिस्टम
अगर आपको यह जानना है कि आपका विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम 64 बिट है या 32 बिट, तो कंट्रोल पैनल में जाकर सिस्टम पर क्लिक करें। यहां View amount of Ram and Processor Speed पर क्लिक करें। आपके कंप्यूटर का ब्यौरा दिखाई देगा, जिसमें न सिर्फ 32 बिट या 64 बिट आर्किटेक्चर की बात साफ हो जाएगी, बल्कि कंप्यूटर में कितनी रैम है और कौन सा प्रोसेसर लगा है, यह भी दिखाई देगा।
फर्क सॉफ्टवेयरों का
सभी ऑपरेटिंग सिस्टम धीरे-धीरे 32 बिट से मुक्ति पाकर 64 बिट की तरफ बढ़ रहे हैं इसलिए 64 बिट आर्किटेक्चर पर चलने वाले सॉफ्टवेयरों का भी विकास होने लगा है। ऐसे सॉफ्टवेयर ज्यादा रैम का इस्तेमाल करने में सक्षम हैं इसलिए तेज चलते हैं। जब आप 64 बिट के लिए बने सॉफ्टवेयर को 32 बिट कंप्यूटर में चलाने की कोशिश करते हैं तो उन्हें अपनी जरूरतों के लिए सही मात्रा में रैम और प्रोसेसर का अभाव दिखाई देता है और वे चलते नहीं।
कौन सा है आपका ऑपरेटिंग सिस्टम
अगर आपको यह जानना है कि आपका विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम 64 बिट है या 32 बिट, तो कंट्रोल पैनल में जाकर सिस्टम पर क्लिक करें। यहां View amount of Ram and Processor Speed पर क्लिक करें। आपके कंप्यूटर का ब्यौरा दिखाई देगा, जिसमें न सिर्फ 32 बिट या 64 बिट आर्किटेक्चर की बात साफ हो जाएगी, बल्कि कंप्यूटर में कितनी रैम है और कौन सा प्रोसेसर लगा है, यह भी दिखाई देगा।
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